😈 BEWAFA SHAYARI HINDI 😈
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क्या जानो तुम🏩 बेवफाई की हद दोस्तों,वो हमसे ❣️इश्क सीखती रही किसी🕴️ ओर के लिए।
🚶हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी🍀 से सनम,होने लगे हो 🤏कुछ-कुछ बेवफा से तुम।
💔बेवफाओं की इस दुनियां🏩 में संभलकर चलना,
यहाँ मुहब्बत🥀 से भी बर्बाद कर🚶 देते हैं लोग।
हमारी तबियत🎈 भी न जान सके हमे🎎 बेहाल देखकर,
और हम कुछ न बता सके🏝️ उन्हें खुशहाल देखकर।
👰तेरा ख्याल दिल❣️ से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया🌱 नहीं अभी।
खुदा 👑ने पूछा क्या सज़ा🤏 दूँ उस बेवफ़ा को,
दिल ने कहा मोहब्बत🥀 हो जाए उसे भी।
बहुत अजीब हैं ये❣️ मोहब्बत करने वाले,
💔बेवफाई करो तो🎋 रोते हैं और वफा🥀 करो तो रुलाते हैं।
🫂चाहते हैं वो हर रोज🏝️ नया चाहने वाला.
ऐ खुदा👨⚖️ मुझे रोज इक नई 🚶सूरत दे दे।
इतनी🤏 मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत 🥀की,
कुछ ज़माना खिलाफ 👨⚖️हुआ कुछ वो बेवफा हो गए।
जब तक🎋 न लगे एक बेवफाई की 📢ठोकर,
हर किसी को अपने महबूब🎗️ पे नाज़ होता है।
🧐➰कौन सी ✒🖋स्याही और \___🙌😍कौन सी☹😟 कलम ✒से लिखता 🙄🙄होगा,.. ☹🖋
जब 🧐🖋वो खुदा \__■◆ किसी के 🙌💔नसीब में😟✒➰ एक बेवफा💫👉 लिखता💔😟 होगा !!
तूने ही लगा दिया 👩❤️👨इलज़ाम-ए-बेवफाई,
अदालत👨⚖️ भी तेरी थी गवाह⚖️ भी तू ही थी।
🎋काम आ सकीं न अपनी🥀 वफायें तो क्या करें,
उस बेवफा💔 को भूल ना जाएं तो क्या🚶 करें।
🫂मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट💔 के चाहने वाला,
अब शहर🏩 का शहर तो बेवफा🥀 हो नहीं सकता।
💃तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत🪅 करने की,
हम बेवजह खुद🎐 को खुशनसीब समझने लगे।
जाते-जाते🚶 उसके आखिरी 🤏अल्फाज़ यही थे,
जी सको❣️ तो जी लेना मर🫀 जाओ तो बेहतर🚶 है।
सीख कर गया है वो मोहब्बत🥀 मुझसे,
जिस🕴️ से भी करेगा बेमिसाल करेगा।
उसने जी🤗 भर के मुझको चाहा🫂 था,
फ़िर हुआ यूँ के उसका🎋 जी भर गया।
💃तुम बदले तो 🎐मजबूरियाँ थी,
हम बदले 💔तो बेवफ़ा हो गए।
🎊नज़ारे तो बदलेंगे🎋 ही ये तो कुदरत है,
अफ़सोस🎋 तो हमें तेरे बदलने का❣️ हुआ है।
उसने महबूब🎋 ही तो बदला है फिर⚖️ ताज्जुब कैसा,
दुआ 🛐कबूल ना हो तो लोग 👑खुदा तक बदल लेते है।
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